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प्रॉपर्टी खरीदने से पहले जान ले रजिस्ट्री फर्जी तो नहीं? ये है आसान ट्रिक

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प्रॉपर्टी खरीदने से पहले जान ले रजिस्ट्री फर्जी तो नहीं? ये है आसान ट्रिक

नई दिल्ली: इस समय ज्यादातर लोग कहीं निवेश कर रहे हैं तो वह जमीन या प्रॉपर्टी में है। कई लोग घर बनाने के लिए प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं। लेकिन अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं तो आपको इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भारत में जमीन खरीदने और बेचने के लिए रजिस्ट्री को एक कानूनी प्रक्रिया घोषित किया गया है. अगर आप जमीन खरीदते या बेचते हैं तो आपको उसकी रजिस्ट्री करानी होगी. लेकिन ऐसे कई बदमाश हैं जो खरीदार की अज्ञानता और भोलेपन का फायदा उठाकर उसे धोखा देते हैं।


इसमें आपको यह देखना होगा कि क्या उस व्यक्ति ने किसी और से जमीन खरीदी है और फिर उसे उसे बेचने का अधिकार है? आपको जमीन के बैनामे की भी जांच करनी चाहिए और बैनामे में ऑर्डर भी देखना होगा.

ऐसा इसलिए क्योंकि आजकल ऐसे बहुत से दुष्ट लोग हैं जो जमीन के लेन-देन में आपसे धोखाधड़ी कर सकते हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आपसे सरकारी जमीन की डबल रजिस्ट्री करा लेते हैं और पैसा हड़प सकते हैं। अगर आप ऐसी धोखाधड़ी से बचना चाहते हैं तो आपको असली और नकली रजिस्ट्रियों के बीच अंतर जानना होगा।


ज्यादातर लोग जमीन खरीदते समय सिर्फ रजिस्ट्री या खाते में नाम देखते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है। क्या जमीन की रजिस्ट्री और खतौनी से यह पता नहीं चलता कि बेचने वाले के पास जमीन या संपत्ति का मालिकाना हक है या नहीं? अगर आप इस तरह की धोखाधड़ी से बचना चाहते हैं तो आपको जमीन की नई और पुरानी रजिस्ट्री की जांच जरूर कर लेनी चाहिए।


अगर आप जमीन खरीदते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि वसीयत और डबल रजिस्ट्री के ज्यादातर मामले कोर्ट में लंबित हैं इसलिए आपको पहले ही जांच कर लेना चाहिए कि आप जो जमीन खरीद रहे हैं उस पर कोई मामला तो लंबित नहीं है। इसके लिए आपको चकबंदी अभिलेख 41-45 में जाकर देखना होगा कि यह सरकारी जमीन है या गलती से विक्रेता को दे दी गई है। चकबंदी अभिलेख 41 से 45 तक देखें तो पता चल जाएगा कि जमीन सरकारी है, वन विभाग की है या रेलवे की है। इसे देश का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है.