डीसी ने दिया जल्द मुआवजा मिलने का आश्वासन, सिरसा में किसानों ने खोला हाईवे

सिरसा। खरीफ फसल 2022 के बीमा क्लेम की मांग को लेकर भावदीन टोल प्लाजा पर धरने पर बैठे किसानों और प्रशासन के बीच रात 11 बजे टोल खोलने को लेकर सहमति बनी। रात 11 बजे डीसी पार्थ गुप्ता, सिरसा का अतिरिक्त चार्ज संभाल रहे एसपी गंगाराम पूनिया ने किसान नेता रवि आजाद और अन्य किसान प्रतिनिधियों से मीटिंग की। मीटिंग में डीसी पार्थ गुप्ता ने कहा कि आने वाले 30 दिनों में मुआवजा आ जाएगा। रात को प्रशासन का आश्वासन मिलने के बाद किसान धरना हटाने को राजी हो गए। वीरवार सुबह उपायुक्त व अन्य अधिकारी टोल प्लाजा पर पहुंचे जहां उन्होंने किसानों को संबोधित किया।
किसानों ने कहा कि मुआवजा 641 करोड़ आएगा। डीसी ने कहा कि मुआवजा थोड़ा कम हो सकता है। पक्का नहीं बताया जा सकता कि कितना आएगा। इसके बाद किसानों ने मांग रखी कि पहले का कोई भी मुकदमा किसानों पर नहीं रहना चाहिए, जिस पर एसपी गंगाराम पूनिया ने आश्वासन दिया कि कोई मुकदमा पहले का पेंडिंग नहीं रखा जाएगा।
टोल की एक- एक लाइन खोल देंगे
साथ ही किसान नेताओं ने कहा कि बुधवार को जो नेशनल हाईवे जाम किया है, यह मुकदमा भी दर्ज नहीं होना चाहिए। तब प्रशासन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार वे किसानों पर मामला दर्ज करेंगे। इसके बाद किसानों ने कहा कि वे टोल के दोनों साइड की एक- एक लाइन खोल देंगे।
किसानों ने कहा कि आज डीसी हाईवे पर आकर मुआवजे की जानकारी दें, उसके बाद हम टोल खाली कर देंगे। इसके बाद वे नारायण खेड़ा जाकर टंकी पर बैठे किसानों को आश्वासन दें, वह भी अपना धरना समाप्त कर देंगे। नाथूसरी चोपटा तहसील में धरना चलता रहेगा।
106 दिनों से जारी है धरना
सिरसा के चोपटा एरिया के नारायणखेड़ा गांव में किसान 106 दिनों से ज्यादा समय से धरने पर बैठे हैं। जिले के 1.32 लाख किसानों की 641 करोड़ की मुआवजा राशि अटकी हुई है। हालांकि धरने के दौरान कंपनी ने 4011 किसानों को 18 करोड़ 29 लाख 37,554 रुपए जारी कर दिए हैं। इस बीमा क्लेम पर कंपनी ने ऑब्जेक्शन लगाया था। यह मामला भारत सरकार की टेक्निकल कमेटी में जाकर अटक गया। खरीफ 2022 में फसल खराबे के बीमा क्लेम की राशि के भुगतान का इंतजार है।
नारायणखेड़ा की टंकी पर चढ़े किसान
सिरसा के नारायणखेड़ा की 110 फुट ऊंची टंकी पर किसान चढ़े हुए हैं। वे प्रशासन के कई प्रयासों के बाद भी नीचे नहीं उतरे। जबकि नीचे धरने पर 13 किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इन किसानों की हालत बिगड़ने पर उन्हें प्रशासन ने इलाज के लिए अस्पताल भी भर्ती करवाया। लेकिन किसानों ने अपना धरना खत्म नहीं किया।