इलैक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सकों को अपने वजूद के लिए करना पड़ रहा संघर्ष: डा. राजेश कुमार

Newz World Hindi's, Sirsa
सिरसा। इलेक्ट्रोहोम्योपैथी एक ऐसी पद्धति है, जो पूरी तरह प्राकृतिक, हर्बल, रसायन रहित और बिना साइड इफेक्ट पर काम करती है, लेकिन उसके बाद भी इलेक्ट्रोपैथी के चिकित्सकों को अपने वजूद को बचाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। यदि सरकार इस पद्धति का विश्लेषण कर इसका अलग संविधान बना दें तो देश के लाखों इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों का सपना साकार होगा। साथ ही देश के आमजन को प्राकृतिक औषधीय उपचार मिल सकेगा। उक्त बातें डा. राजेश कुमार ने बेगू रोड पर स्थित अपने क्लीनिक में अलग-अलग राज्यों से आए चिकित्सकों से बातचीत करते हुए कही। डा. राजेश ने कहा कि जिस तरह आज के इस भौतिकवादी व आधुनिक युग में निरंतर विकास हो रहा है। उसी विकास के साथ आज नित नए-नए असाध्य रोग भी जन्म लेते जा रहे हैं।
लोग भागदौड़ व थकानभरी जिंदगी में मानसिक तनाव व विभिन्न रोगों से ग्रस्त होते जा रहे हैं। इस अवसर पर डा. एसके कटारिया ने कहा कि मानव जाति के पृथ्वी पर आगमन के साथ ही अनेक आर्युविद्याओं का भी उपयोग स्वस्थ व निरोग रहने के लिए मानव जाति करने लगी थी। भांति-भांति के विकास और विज्ञान की प्रगति ने आर्युविज्ञान को भी अछूता नहीं छोड़ा और विभिन्न प्रकार की चिकित्सा पद्धतियां विकसित हुई। उन्होंने बताया कि इसमें आयुर्वेद, नैचुरोपैथी, एलोपैथी, यूनानी, होमियोपैथी, एक्यूपंचर आदि कोई 100 प्रकार की चिकित्सा पद्धतियां आज दिखाई देती है। सभी पद्धतियां अपना-अपना महत्व रखती हैं। इसी उद्देश्य से इलैक्ट्रोपैथी पद्धति का जन्म हुआ। अब तक की सभी पद्धतियों से बिल्कुल भिन्न ये पद्धति इलाज के लिए कारगर साबित हो रही है। डा. रमेश शर्मा ने बताया कि इलेक्ट्रोहोम्योपैथी में सम्पूर्ण उपचार है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा से सेवाएं देने वाले लाखों लोग हैं, जो काम कर रहे हैं, शोध कर रहे हैं। इलेक्ट्रोपेथी पूरी तरह से हर्बल है। ये होम्योपैथी से अलग है।
इलेक्ट्रोपैथी से लिया गया उपचार कारगर है। इस अवसर पर अलग-अलग राज्यों से आए चिकित्सकों ने भी अपने अनुभव मीटिंग में सांझा किए। इस अवसर पर डा. जसवीर कटारिया, डा. किशोर चंद, डा. नवप्रीत शर्मा, डा. करमेल शर्मा, डा. रमेश शर्मा, डा. राज शर्मा, सिरसा से डा. राजेश कुमार, डा. राजबाला, डा. कंचन, डा. सुभाष पूनियां, कालांवाली से डा. मनदीप माखा, दिल्ली से डा. प्रदीप कुमार, डा. सतीश कुमार, चंडीगढ़ से डा. अवनीत कुमार, अजय कुमार, जींद से धरेंद्र कुमार, डा. अमनदीप कौर, मि. देवेंद्र, मि. अमन, बेगू से मिस. हरमन उपस्थित थे।