किसानों के समर्थन में खुलकर आई सरपंच एसोसिएशन हरियाणा

सिरसा। मैं सरपंच तो बाद में बनी हूं, पहले एक किसान की बेटी हूं। केंद्र व राज्य की सरकारों ने मेहनतकश किसान, मजदूर व कर्मचारी वर्ग को बर्बाद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। किसानों की इस लड़ाई में मरते दम तक किसानों के साथ रहूंंगी और जब तक 700 करोड़ रुपए का मुआवजा किसानों के खातों में नहीं आ जाता, तब तक यहां से टस से मस नहीं होने वाली।
उक्त बातें सरपंच एसोसिएशन की उपप्रधान व गांव दड़बा कलां की सरपंच संतोष बैनीवाल ने गांव नहराना में किसानों के समर्थन में चल रहे धरने पर सरपंच एसोसिएशन की ओर से भूख हड़ताल पर बैठकर समर्थन देते हुए उपस्थित किसानों से कही। बैनीवाल ने कहा कि रात्रि को धरने से घर जाने के बाद वह पूरी रात नहीं सोई। रात्रि को कुछ सरपंचों से बातचीत की। बातचीत के बाद निर्णय लिया कि किसानों के हित में खुलकर समर्थन करते हुए भूख हड़ताल की जाएगी।
पहले दिन किसानों के हित में भूख हड़ताल पर संतोष बैनीवाल, रीटा कासनियां, सुभाष कासनियां, मांगेराम बैनीवाल व उदयपाल सिंह बैठे। बैनीवाल ने केंद्र व राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस सरकार ने अपने 9 साल के कार्यकाल में एक भी वर्ग ऐसा नहीं छोड़ा, जिसे सड़कों पर आने को मजबूर न होना पड़ा हो। किसानों के धरने को चोपटा में 95 दिन हो गए, लेकिन अधिकारी व कर्मचारी तो क्या किसी विधायक व सांसद ने भी किसानों की सुध लेना मुनासिब नहीं समझा। सरकार व अधिकारियों की बेरूखी के कारण किसान भाइयों को मजबूरीवश ठोस निर्णय लेना पड़ा और पिछले 5 दिनों से चार किसान भाई पानी की टंकी पर बैठे हंै।
बैनीवाल ने कहा कि कोई भी किसान ये न सोचे कि ये किसान भाई अपने लिए बैठे हंै, ये चारों किसान पूरे पैंतालिसा क्षेत्र के किसानों के हकों की लड़ाई लड़ रहे हैं और हमें इस लड़ाई में इनका पूर्णतया सहयोग करना है। उन्होंने पैंतालिसा के सभी गांवों के किसानों से आह्वान किया कि वे इन क्रांतिकारी किसानों का धरनास्थल पर भारी संख्या में पहुंचकर हौंसलाफजाई करें। इस मौके पर उनके साथ काफी संख्या में सरपंच व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।