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परहितार्थ, नि:स्वार्थ, सेवाभावी सद्वृत्तियां ही मानव जीवन की सार्थकता का सर्वोत्तम गुण: स्वामी विजयानन्द महाराज

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परहितार्थ, नि:स्वार्थ, सेवाभावी सद्वृत्तियां ही मानव जीवन की सार्थकता का सर्वोत्तम गुण: स्वामी विजयानन्द  महाराज

Newz World Hindi's, Sirsa
सिरसा। श्री गीता प्रचार समिति सिरसा के तत्वावधान में पंजाब पैलेस सिरसा के हाल में आयोजित साप्ताहिक दुर्लभ सत्संग के प्रथम दिवस पर स्वामी विजयानन्द गिरि महाराज ने अपने मुखारविंद से साधकों को मानव जीवन का महत्व बड़ी ही सहजता, सरलता एवं आत्मीयतापूर्ण स्नेहिल भाव से समझाते हुए बताया कि मानवीय मूल्यों की सार्थकता नि:स्वार्थ भाव से परहितार्थ जनसेवा ही मानवीय जीवन का सर्वश्रेष्ठ गुण है। महाराज ने बताया कि आज एक संकल्प लेकर जाएं कि मन, वचन तथा कर्म से आपके द्वारा किसी भी जीव का अहित ना हो, केवलमात्र सेवा का सौभाग्य मानव जीवन में ही संभव है, इसलिए इस जन्म में ऐसा उत्तम अवसर सौभाग्य से प्राप्त होता है, जिसे किसी भी कीमत पर हमें चूकना नहीं चाहिए। उन्होंने सरल भाव से समझाया कि नदियां कभी अपना जल नहीं पीती, वृक्ष कभी अपना फल स्वयं नहीं खाते, हमें भी प्रकृति से सेवा भाव अपने जीवन में सम्माहित करना चाहिए। महाराज ने बताया कि आप सभी आज एक ही बात मानकर जाए कि मैं भगवान का हूं और भगवान मेरे हैं, बस इतना ही मनसा वाचा, कर्मणा स्वीकृति दे दो, निहाल हो जाओगे। सनातन संस्कृति एवं हिन्दु धर्म को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि सर्वे सुखी न सन्तु सर्वे सन्तु निरामया कि भावना ही भारतीयता की पहचान है। राष्ट्र को सर्वोपरि मानकर ही हमें राष्ट्र हितार्थ निर्णय लेना चाहिए जो कि प्रत्येक देशवासी का दायित्व बनता है। दुर्लभ सत्संग में पधारे सभी साधकों का श्री गीता प्रचार समिति सिरसा की ओर से समिति अध्यक्ष वेद भारती एवं समस्त कार्यकारिणी ने अभिवादन करते हुए आह्वान किया कि प्रत्येक साधक अपने साथ अधिक से अधिक धर्म प्रेमियों को इस दुर्लभ सत्संग में साथ लेकर आएं। भव्य आरती का श्रीगणेश  प्रसिद्ध समाजसेवी कृष्ण गुम्बर ने ज्योति प्रज्ज्वलित कर किया इस अवसर पर उदेश गुप्ता, नरेश ग्रोवर, सोहनलाल अरोड़ा, अमर लूथरा, धर्मपाल बब्बर, राजेन्द्र शर्मा, सतीश शर्मा, सुनील बत्रा, हरिओम भारद्वाज, सोनू शर्मा, अविनाश शर्मा, मनोज मोजी, पंकज शर्मा, अंकुश गोयल, रिकी सोढ़ी, भारत भूषण आदि गणमान्य साधक उपस्थित रहे।