सनातन पर प्रहार या 130 सीट का सवाल… उदयनिधि स्टालिन ने ऐसे ही नहीं दिया ये बयान

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने ऐसा बयान दिया है, जिसने देश में एक नई बहस को जन्म दे दिया है. उन्होंने कहा कि डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों की तरह सनातन धर्म का उन्मूलन कर देना चाहिए. इस बयान के आने के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA पर सवाल उठ गए कि आखिर सनातन के प्रति उनकी सोच क्या है. हालांकि INDIA में शामिल पार्टियों ने जवाब देना शुरू किया तो कुछ ने बीच का रास्ता लिया और कुछ के बयान स्टालिन के खिलाफ थे.
उदयनिधि स्टालिन राजनीति में युवा हैं और अभी इनकी उम्र सिर्फ 45 साल है. राजनीति में इन्हें युवा माना जाता है. ऐसा नहीं है कि उदयनिधि स्टालिन ने ये बयान ऐसे ही दे दिया, किसी आवेश में दे दिया, गलती से दे दिया, बल्कि जहां उन्होंने ये सब बोला उस कार्यक्रम का मकसद ही सनातन को जड़ से खत्म करने के लिए विमर्श करना था. इस कार्यक्रम में सनातन धर्म को खत्म करने के लिए चुन-चुनकर विषय तय किए गए थे.
हेट स्पीच वाले इस सेमिनार के 8 बड़े चैप्टर थे, जिसमें 2 दिनों तक करीब 15 से अधिक लोगों ने भाषण दिए. इनके विषय सुनेंगे तो अच्छे से अच्छा आदमी भी हैरान रह जाएगा कि लोकतंत्र में विरोधी विचारधारा के प्रति इतनी असहिष्णुता कैसे हो सकती है. ये सनातन के खिलाफ एक बहुत बड़ी टूलकिट है और इसका हर एक चैप्टर अपने आप में बहुत विस्फोटक है.