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Bihar Politics: नीतीश के ‘लव-कुश’ वोट बैंक पर BJP की नजर, सम्राट चौधरी के बाद RCP सिंह का कद बढ़ना तय; JDU बता रही फ्यूज बल्ब

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Bihar Politics: नीतीश के ‘लव-कुश’ वोट बैंक पर BJP की नजर, सम्राट चौधरी के बाद RCP सिंह का कद बढ़ना तय; JDU बता रही फ्यूज बल्ब


पटना: आरसीपी सिंह पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद विधिवत बीजेपी के हो गए हैं. पहले वह बिना भगवा पट्टा ओढ़े लगातार बीजेपी के लिए बैटिंग कर रहे थे, लेकिन घर्मेंद्र प्रधान द्वारा सदस्यता ग्रहण करवाने के बाद अब उनकी पहचान पूर्व जेडीयू अध्यक्ष, पूर्व जेडीयू नेता नहीं बल्कि बीजेपी नेता के तौर पर हो गई है. आरसीपी सिंह दिल्ली में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पटना भी लौट आए हैं. बीजेपी कार्यालय में हुए सम्मान समारोह में उन्हें बिहार बीजेपी के नेताओं ने खुले दिल से गले लगाया. उनके साथ आने के बाद कहा कि अब लव-कुश हमारे साथ हैं. ये अलग बात है कि पटना एयरपोर्ट पर उनके स्वागत में कोई बीजेपी नेता नहीं पहुंचा था.


आरसीपी सिंह कभी नीतीश कुमार के करीबी थे. उन्हें नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी भी कहा जाता था. जेडीयू से वह न सिर्फ दो बार राज्यसभा गए बल्कि राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने, लेकिन अब ये पुरानी बात हो गई है. वह बड़े बेआबरू होकर जेडीयू से बाहर हुए हैं. जेडीयू ने पहले अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे नेता को राज्यसभा का टिकट नहीं दिया. इसके बाद जब वह पार्टी में ही थे, तब उन पर जेडीयू नेताओं ने भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए. इसके बाद आरसीपी सिंह ने जेडीयू को अलविदा कह दिया.

9 महीने से वेटिंग में थे RCP
बीजेपी में शामिल होने के लिए वह पिछले 9 महीने से वेटिंग में थे. बीजेपी उन पर कोई निर्णय नहीं ले पा रही थी, लेकिन अब आरसीपी सिंह बीजेपी के साथ हैं. आरसीपी सिंह पर नीतीश कुमार के कोर वोटर लव-कुश यानि कुर्मी कोइरी, खास कर कुर्मी वोटरों को तोड़ने की जिम्मेदारी है. दरअसल, नीतीश कुमार के अलग होने के बाद बीजेपी जहां हिन्दुत्व पर मुखर है, वहीं जाति कार्ड भी शानदार तरीके से खेल रही है.