ओटू हैड पर एनजीसी नहर पर साइफन बनवाने का मामला: लंबे समय से किसानों की लंबित पड़ी मांग पर कार्रवाई शुरू

सिरसा। रानियां क्षेत्र के किसानों की एनजीसी नहर पर साइफन बनवाने की मांग लंबे समय से चली आ रही थी। इस साल जनवरी-फरवरी में उपायुक्त कार्यालय में बीकेई द्वारा 2 महीने चले पक्के मोर्चे में भी इस मांग को मुख्य रूप से रखा गया था। एनजीसी नहर ओटू हैड से निकल कर गांव बनी तक रानियां क्षेत्र के कई गांवों के खेतों की सिंचाई के लिए पानी जाता है। पहले इस नहर में 345 क्यूसेक पानी छोड़ा जाता था, लेकिन इस बार सफाई व खुदाई के बाद 532 क्यूसेक पानी इस नहर में छोड़ा जा रहा है।
ओटू हैड पर एसजीसी लाइंड में भाखड़ा का पानी एनजीसी नहर से क्रॉसिंग होकर जाता है। एसजीसी लाईंड नहर में 145 क्यूसेक भाखड़ा का पानी ऐलनाबाद क्षेत्र के लिए ओटू फीडर से दिया जाता है, जिसके लिए एनजीसी नहर की पानी की सप्लाई रोकनी पड़ती है। जुलाई-अगस्त के महीने में एनजीसी नहर पर लगते क्षेत्र में धान की फसल के लिए पानी की बहुत जरूरत होती है।
घग्गर नदी में फ्लडी पानी होते हुए भी साइफन ना होने की वजह से ऐलनाबाद को पीने की पानी की सप्लाई देने के लिए एनजीसी नहर को बंद करना पड़ता है, जिससे रानियां क्षेत्र के किसान घघर नदी के पानी की सिंचाई से वंचित रह जाते हैं। कुछ महीने पहले साइफन की प्रोजेक्ट रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसे तकनीकी कमियो की वजह से वह वापस भेज दिया गया था।
29 अगस्त को दोबारा एनजीसी नहर पर साइफन बनाने की प्रोजेक्ट रिपोर्ट को चंडीगढ़ भेज दी गई है। इस साइफन की अनुमानित लागत 3 करोड़ 28 लाख है। प्रोजेक्ट पास होते ही साइफन की ड्राइंग तैयार होकर एस्टीमेट भेज दिया जाएगा उसके बाद ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया से निर्माण के लिए टेंडर भरवाये जाएंगे, उसके बाद इसका निर्माण कार्य शुरू होगा।
इस मौके पर सुखविंदर सिंह भंगू, गुरविंदर सिंह, काका सिंह, जगदीप सिंह, सरबजीत कंबोज, हवा सिंह बुर्ज भंगू, भोला सिंह कंवर, विष्णु बिश्नोई, जगजीत सिंह सिद्धू उपस्थित रहे।