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मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का ऑनलाइन पंजीकरण के बाद मिलेगा लाभ : उपायुक्त पार्थ गुप्ता

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मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का ऑनलाइन पंजीकरण के बाद मिलेगा लाभ : उपायुक्त पार्थ गुप्ता

सिरसा
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। अब लाभार्थियों को विवाह के  ऑनलाइन पंजीकरण करवाने के उपरान्त ही योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए लाभपात्र विवाहिता की शादी का ई-दिशा पोर्टल पर पंजीकरण होना अत्यंत आवश्यक है।


उपायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ लेने वाले परिवार को अपनी बेटी की शादी के 6 महीने पूरे होने से पहले ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण करने उपरान्त ही विवाहित कन्या के माता-पिता को उक्त योजना का अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अनुसूचित एवं विमुक्त जाति के परिवार का नाम बीपीएल सूची में है तो उसको कन्या विवाह शगुन योजना के अंतर्गत 71 हजार रुपये का लाभ दिया जाएगा। सभी वर्गो की विधवाओं, बेसहारा महिला, अनाथ बच्चे, बीपीएल सूची में है या उनकी आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम है तो उनको इस योजना में 51 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा।


बीपीएल सूची में सामान्य या पिछड़े वर्ग के परिवार को 31 हजार रुपये का लाभ उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि बीपीएल सूची में सामान्य या पिछड़े वर्ग के परिवार को 31 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। इसी तरह अनुसूचित वर्ग या विमुक्त जाति का परिवार बीपीएल सूची में नहीं है और जिनकी वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम है, उनको 31 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। विवाहित युगल 40 प्रतिशत या इससे ज्यादा दिव्यांग है तो उन्हें 51 हजार रुपये और पति-पत्नी में से एक जन 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग है तो उसको 31 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने जिलावासियों का आह्वान किया है कि जल संरक्षण वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरूरत है, ऐसे में हमें पानी का जरूरत अनुसार उपयोग में लाना चाहिए। आमजन जल का सदुपयोग करें और जल को व्यर्थ न बहाए। उन्होंने अपील की है कि वे अपने बाग-बगीचों की अनावश्यक सिंचाई न करें और अनावश्यक रूप से गाडिय़ों इत्यादि को धोना बंद करें ताकि जनता की सेवा में सभी को समान रूप से जल वितरण कर सकें। सभी व्यक्ति अपने घर में उचित मात्रा में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करें।


उपायुक्त ने जिलावासियों से यह भी अपील की है कि वे अपने घरों में लगे नलों या घरों के बाहर लगे नलों को खुला न छोड़े और जब आवश्यकता हो तब ही इन नलों को चलाए। नलों को खुला छोडऩे से जहां पानी की बर्बादी होती है, वहीं पानी के व्यर्थ बहने से गलियों व सडक़ों का नुकसान होता है तथा कीचड़ होती है जिससे लोगों को आवागमन में असुविधा होती है।