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जूम मीटिंग में लिया फैसला: 8 मई को भारत वर्ष से हजारों किसान पहलवान बेटियों के समर्थन में पहुंचेंगे जंतर-मंतर

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जूम मीटिंग में लिया फैसला: 8 मई को भारत वर्ष से हजारों किसान पहलवान बेटियों के समर्थन में पहुंचेंगे जंतर-मंतर


सिरसा। संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनैतिक भारत की जूम मीटिंग की गई, जिसमें कई राज्यों के किसान नेताओं ने हिस्सा लिया। सभी ने सहमति से मीटिंग में निर्णय लिया कि 8 मई सोमवार को पूरे भारत से हजारों किसान दिल्ली जंतर मंतर धरने को समर्थन देने जाएंगे। बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह ने बताया कि दिल्ली जंतर मंतर पर पहलवान बेटियों को इंसाफ  दिलवाने के लिए और बृजभूषण शरण को गिरफ्तार करवाने के लिए जो धरना चल रहा है, उस पर बीजेपी के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने 3 मई रात को पहलवानों के साथ बदसलू की, गाली-गलौज और मारपीट भी की, जिसमें तीन पहलवानों को चोटें भी आई। कई पुलिसकर्मी नशे में धुत थे, जिन्होंने हमारी बेटियों को बालों से पकड़कर घसीटा और उनके साथ दुव्र्यवहार किया। संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनैतिक इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है। संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनैतिक ने बृजभूषण सिंह द्वारा पहलवानों के यौन शोषण के खिलाफ  किए जा रहे विरोध के समर्थन में समाज के सभी वर्गों को आगे आने का आह्वान किया है।

उन्होंने बताया कि आर एस एस भाजपा सरकार शिकायत के कई महीनों और व्यापक विरोध के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के दबाव के कारण ही प्राथमिकी लिखने को राजी हुई, लेकिन उसने कानून का पालन करने और आरोपी को गिरफ्तार करने तथा पोक्सो अधिनियम लागू करने से इनकार कर दिया, जबकि एक शिकायतकर्ता नाबालिग है। भाजपा सरकार यूपी के इस बाहुबली सांसद और माफिया डॉन, बृज भूषण सिंह के खिलाफ  कार्रवाई करने से इनकार कर रही है, क्योंकि चुनावी राजनीति में उसकी बहुत अहमियत है। बृजभूषण सिंह का बचाव कर रहे आरएसएस-बीजेपी ने यूपी में माफिया के खिलाफ  कार्रवाई करने के उनके दावों की पोल खोल दी है। उनका पक्ष राजनीति से प्रेरित है और सांप्रदायिक है। उनका प्रयास बाहुबल पर एकाधिकार करना है जो चुनाव जीतने में महत्वपूर्ण है। आरएसएस-भाजपा में ऐसे बाहुबली के खिलाफ  कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है।

बीजेपी राज में ये अपराधी इतने ताकतवर हो गए हैं कि आरोपी सांसद खुलेआम शिकायतकर्ता को धमकियां दे रहे हैं। युवा लड़कियां और लड़के अपने क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने और देश और समाज के लिए सम्मान हासिल करने के लिए कीमती समय समर्पित करते हैं। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को सम्मान और पहचान देने की जरूरत है। बृज भूषण सिंह जैसे कई बाहुबली इन महासंघों में शासन करते हैं और युवा लड़के और लड़कियों का शोषण किया जाता है। अगर वे विरोध करते हैं तो उनकी आवाज दबा दी जाती है।

उनकी प्रतिभा को पहचाना जाना चाहिए और उन्हें राष्ट्रीय नायक माना जाना चाहिए, लेकिन सत्ता में बैठे लोग उनके साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं, जैसे उन्हें कोई विशेष फायदा दिया जा रहा हो। जब भी वे पदक जीतते हैं, ये राजनेता प्रशंसा का दावा करते हैं और वे अपनी शक्ति का उपयोग उनका यौन शोषण करने और विरोध करने पर उन्हें बदनाम करने के लिए करते हैं। पहलवानों का यह विरोध यौन उत्पीडऩ की शिकार महिलाओं को न्याय दिलाने और महिलाओं की गरिमा और यौन उत्पीडऩ मुक्त सार्वजनिक जीवन स्थापित करने को लेकर है।