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घना अंधेरा और -240 डिग्री तापमान, ISRO को उम्मीद लेकिन क्या चांद पर इन हालातों में जिंदा रह पाएगा प्रज्ञान?

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घना अंधेरा और -240 डिग्री तापमान, ISRO को उम्मीद लेकिन क्या चांद पर इन हालातों में जिंदा रह पाएगा प्रज्ञान?


भारत ने बीते कुछ दिनों में अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ी अपनी नई और बढ़ती ताकत को पूरी दुनिया के सामने पेश किया है. ISRO द्वारा लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की, तो वहीं शनिवार को भारत ने अपना पहला सूर्य मिशन आदित्य एल1 भी लॉन्च कर दिया. इसरो अपने मिशन की हर पल की खबरें लोगों तक पहुंचाता रहा है. चंद्रयान-3 ने चांद पर 11 दिन पूरे कर लिए हैं. अब चांद पर सूरज ढलना शुरू हो गया है और तीन दिन बाद वहां रात हो जाएगी.


प्रज्ञान रोवर सोलर पावर से काम करता है, लेकिन अंधेरा होने के बाद वह काम करना बंद कर देगा. शनिवार को ISRO ने ट्वीट करते हुए बताया कि रोवर ने अपने सभी काम पूरे कर लिए हैं. अब इसे चांद के सुरक्षित स्थान पर पार्क करके स्लीप मोड में डाल दिया गया है. इसरो ने यह भी जानकारी दी फिलहाल रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है.