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Karnataka Election Result : कर्नाटक के 10 बड़े चेहरे जिन पर रहेगी सबकी नजर

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Karnataka Election Result : कर्नाटक के 10 बड़े चेहरे जिन पर रहेगी सबकी नजर


कर्नाटक विधानसभा चुनाव आज सैकड़ों उम्मीदवारों की किस्मत तय करेगा. यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच तगड़ा मुकाबला है. जेडीएस भी जीत के लिए जोर लगा रही है. एग्जिट पोल की मानें तो कर्नाटक में कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने का अनुमान जताया जा रहा है. लेकिन वह बहुमत से दूर बताई जा रही है, जबकि भाजपा भी लगातार बहुमत पाने का दावा कर रही है.


कर्नाटक चुनाव का परिणाम चाहे जो हो, लेकिन यह चुनाव बड़े चेहरों का भविष्य जरूर तय करेगा. कर्नाटक में ऐसे कई चेहरे हैं जिन पर पूरे देश की नजरें हैं. आइए जानते हैं इनमें से 10 बड़े चेहरों के बारे में.

1- सिद्धारमैया
कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया वरुणा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, यह विधानसभा क्षेत्र उनका गढ़ बताया जाता है, वह यहां से पहले भी दो बार विधायक रह चुके हैं, पिछली बार उनके पुत्र यतींद्र यहां से जीते थे. इस बार सिद्धारमैया का मुकाबला भाजपा के वी सोमन्ना है. खास बात ये है कि सिद्धारमैया पहले ही ये ऐलान कर चुके हैं कि ये उनका आखिरी चुनाव है. ऐसे में देखने वाली बात होगी उनकी इमोशनल अपील का मतदाताओं पर कैसा असर रहा?


2- डीके शिवकुमार
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार सबसे चर्चित उम्मीदवारों में से एक हैं. उन्हें इस बार कर्नाटक में सीएम पद का दावेदार भी माना जा रहा है. वह अब तक एक बार भी चुनाव नहीं हारे. पिछले तीन बार से वह कनकपुरा विधानसभा सीट से जीत रहे हैं. यहां वह चौथी बार मुकाबले में उतरे हैं. डीके शिवकुमार को वोक्कालिगा समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है. कनकपुरा में उनका मुकाबला भाजपा के आर अशोक से है.

3- एचडी कुमारस्वामी
जेडीएस प्रमुख कुमारस्वामी चन्नापटना सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं, यह सीट परंपरागत तौर पर जेडीएस की मानी जाती है. कुमारस्वामी 2004 से लगातार इस सीट से जीत रहे हैं, इसीलिए यह सीट उनकी प्रतिष्ठा से भी जुड़ी है. एचडी कुमारस्वामी वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं, यहां उनका यहां उनका मुकाबला सीपी योगेश्वर से है जो भाजपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. राजनीति में आने से पहले योगेश्वर एक अभिनेता भी रहे हैं उन्होंने कई कन्नड़ फिल्मों में अभिनय किया है.

4- बसवराज बोम्मई
कर्नाटक के सीएम बवराज बोम्मई शिग्गांव सीट से मैछान में उतरे हैं, यह सीट परंपरागत तौर पर भाजपा की मानी जाती है. इससे पहले बोम्मई तीन बार यहां से विधायक चुने जा चुके हैं. यहां उनका मुकाबला यासिर अहमद खान से है. लिंगायत नेता होने की वजह से बोम्मई इस सीट पर मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं. हालांकि पिछले दो साल से सरकार पर भ्रष्टाचार और मिस मैनेजमेंट के आरोप लगने के बाद से बोम्मई की साख कुछ कम हुई है. हालांकि मतदाताओं ने क्या जनादेश दिया है ये तो मतों की गिनती के बाद ही पता चलेगा.

5- बीवाई विजयेंद्र
कर्नाटक के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा के पुत्र बीवाई विजयेंद्र पर सबकी निगाहें रहने वाली हैं. वह अपने पिता की विरासत को संभालते हुए शिकारीपुरा सीट से ही मैदान में उतरे हैं. पिछले चार दशक में ऐसा पहली बार है जब येदियुरप्पा चुनावी मैदान में नहीं उतरे हैं. इसीलिए सबकी निगाहें उनके पुत्र बीवाई विजयेंद्र पर हैं. चूंकि यह सीट भाजपा की गढ़ है इसलिए विजयेंद्र यहां पर मजबूत माने जा रहे हैं.

6- सीटी रवि
भाजपा के फायर ब्रांड नेता कहे जाने वाले सीटी रवि चिकमंगलुरु सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं. उनकी गिनती कर्नाटक के प्रमुख चेहरों में होती हैं. वह इस सीट से पिछले तीन बार से जीत रहे हैं. इस बार भी उन्हें मजबूत माना जा रहा है. इस विधानसभा क्षेत्र में गौड़ा समुदाय के मतदाताओं का प्रभाव है जिन्होंने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया है. वह वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. चुनाव के दौरान टीपू सुल्तान के मुद्दे को हवा देने वाले सीटी रवि ही थे. खास बात ये है कि 2004 में सीटी रवि के जीतने से पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी.

7- निखिल कुमारस्वामी
जेडीएस प्रमुख कुमार स्वामी के पुत्र निखिल कुमार स्वामी की गिनती भी कर्नाटक के प्रमुख चेहरों में होती है. वह रामनगर विधानसभा सीट से मैदान में उतरे हैं. ये वही रामनगर है जहां ब्लॉकबस्टर शोले फिल्म की शूटिंग हुई थी. इस इलाके में देवगौड़ा परिवार का वर्चस्व माना जाता है.यहां निखिल कुमार स्वामी का मुकाबला कांग्रेस के इकबाल हुसैन और भाजपा के गौतम गौड़ा से है. खास बात ये है कि इस सीट पर 70 प्रतिशत तक वोटर वोक्कालिगा समुदाय के हैं.

8- लक्ष्मण सावदी
कर्नाटक की राजनीति में लक्ष्मण सावदी को प्रमुख चेहरा माना जाता है. वह इस बार बेलगांव जिले की अथानी सीट से कांग्रेस के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे हैं. दरअसल लक्ष्मण सावदी भाजपा के दिग्गज नेता रहे हैं, लेकिन चुनाव से ठीक पहले टिकट न मिलने की वजह से उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. यहां उनका मुकाबला भाजपा के महेश कुमाथाली से है.

9- प्रियांक खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पुत्र प्रियांक खरगे चितपुर सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं. वह कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. खास बात ये है कि चितपुर सीट से ही कभी मल्लिकार्जुन खरगे चुनाव मैदान में उतरते थे. वह कर्नाटक कांग्रेस पार्टी में कम्युनिकेशन और सोशल मीडिया विंग संभाल रहे हैं. यहां भाजपा ने मणिकांत राठौर और जेडीएस से सुभाष चंद्र को मैदान में उतारा है.

10 – सोमशेखर रेड्डी
कर्नाटक की राजनीति में दबदबा रखने वाले रेड्डी बंधुओं में मंझले भाई सोमशेखर रेड्डी कर्नाटक की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं. वह जर्नादन रेड्डी के बड़े भाई हैं. वह अपनी परंपरागत सीट बेल्लारी से चुनाव मैदान में उतरे हैं. खास बात ये है कि जर्नादन रेड्डी ने पिछले साल ही 20 साल बाद भाजपा से अलग होकर कल्याण राज पार्टी बनाई थी, लेकिन सोमशेखर रेड्डी ने भाजपा में रहने का फैसला किया था.