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कहानी डॉलर की… कैसे करेंसी संकट से जूझने वाले अमेरिका में चांदी के सिक्के शुरू हुए और इतिहास रच दिया

The story of the dollar… How silver coins started in currency crisis America and created history
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The story of the dollar… How silver coins started in currency crisis America and created history


अमेरिकी डॉलर की धमक आज पूरी दुनिया में है. दुनिया भर में करीब 180 करेंसी का इस्तेमाल होता है. लेकिन अमेरिकी डॉलर इन सबमें सबसे ज्यादा ताकतवर है. डॉलर करेंसी का इस्तेमाल कई अन्य देश भी अपनी करेंसी के तौर पर करते हैं लेकिन अमेरिकी डॉलर के सामने सब फीके हैं. लेकिन क्या आपको अमेरिकी डॉलर का इतिहास पता है. आज हम आपको इसके इतिहास के बारे में इसलिए बता रहे हैं क्योंकि आज ही के दिन 2 अप्रैल साल 1972 में अमेरिका में करेंसी के तौर पर डॉलर को स्थापित किया गया था. आइए जानते हैं कि डॉलर के पीछे की कहानी क्या है?


अमेरिका में था करेंसी सकंट
साल 1972 से पहले अमेरिका में मुद्रा का भारी संकट था. व्यापार या किसी भी तरह की सेवा के लिए सोने या चांदी में भुगतान होता था. शासकों द्वारा चलाई गई करेंसी का इस्तेमाल बहुत सीमित था, लोग भुगतान के लिए ब्रिटिश या स्पेनिश सिक्कों से काम चला लेते थे. इतना ही लोग सामान खरीदने के लिए या सेवा लेने के लिए पुराने तरीके अपनाते थे. वो तंबाकू के पत्ते, शेल्स और जमीन के टुकड़े के बदले ये चीजें खरीदते थे.


शुरुआत में कितने के डॉलर छपे
अमेरिका में शुरुआती समय में $5, $10 और $20 के नोट छपे. इन्हें ग्रीन बॉक्स नाम दिया गया. ऐसे नोटों के पिछले हिस्से में रंग प्रिंट होता था, ताकि लोग नकली नोट ना बना पाएं. इस पर एक स्पेशल केमिकल की हरे रंग की परत होती थी. बाद में साल 1862 में 1 डॉलर का नोट छपा. डॉलर की बात करें तो इसे अब तक कई बार रीडिजाइन किया जा चुका है.

साल 1972 में डॉलर को किया स्थापित
अमेरिकी कांग्रेस ने 2 अप्रैल 1972 को कॉइनेज एक्ट पारित किया. इस एक्ट के पारित होने के बाद यूएस मिंट की स्थापना हुई. इसका काम सिक्के ढालना और दुनिया में उनके मूवमेंट को कंट्रोल करना था. अमेरिका की पहली औपचारिक मुद्रा चांदी से बने डॉलर थे. लोग मिंट के पास अपनी चांदी लेकर आते थे और सिक्के ढलवाते थे.

इस कानून का उद्देश्य खरीद और ब्रिकी आसान करना था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. क्योंकि तब चांदी के सिक्के ज्यादा नहीं बनते थे तो उनकी बाजार में कमी थी. इससे निपटने के लिए स्थानीय बैंकों ने सोने या चांदी के बदले अपनी करेंसी शुरू कर दी.

1861 में अमेरिकी कांग्रेस ने कागज की मुद्रा जारी की
चांदी की किल्लत को देखते हुए 1861 में कांग्रेस ने एक व्यावहारिक हल निकाला. इस तरह अमेरीके में सरकारी कंट्रोल में पहली बार कागज की मुद्रा जारी हुई. इन्हें डिमांस नोट्स का नाम दिया गया. सिविल वॉर और उसके सैनिकों को भुगतान के लिए ये फैसला लिया गया.