मोदी स्टाइल में स्वागत, CM का बयान- सब कुछ फिक्स; क्या नीतीश को विपक्ष का चेहरा मानने के लिए सभी राजी?

Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब एनडीए के रथ से उतरकर महागठबंधन के रथ पर सवार हुए तब से वह जोर-शोर से प्रधानमंत्री पद के कैंडिडेट बताए जा रहे हैं. जेडीयू के साथ बिहार में तब आरजेडी ने भी उन्हें पीएम मैटेरियल बताया था. इसके बाद नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए दिल्ली दौरे पर रवाना हो गए थे, लेकिन उन्हें इसमें कोई खास सफलता नहीं मिली थी. विपक्षी एकता की कवायद में ज्यादा कुछ प्रोग्रेस नहीं हुआ.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में इसको लेकर गाहे-बगाहे बयान जरूर देते रहते थे. उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल अगर साथ आते हैं तो बीजेपी को 100 सीट से भी कम पर रोक देंगे. नीतीश कुमार बार-बार कांग्रेस से अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कह रहे थे. बदली राजनीतिक परिस्थिति में जब कांग्रेस को एहसास हुआ कि मोदी का सामना अकेले नहीं कर पाएंगे, तब विपक्षी एकता की कवायद में लगे नीतीश की तरफ हाथ बढ़ाया और मुलाकात के लिए दिल्ली बुलाया.