home page

भगवान के भजन बिना मुक्ति संभव नहीं: स्वामी विजयानंद गिरि महाराज

Salvation is not possible without worshiping God Swami Vijayanand Giri Maharaj
 | 
a

सिरसा। जिदंगी में जो मनुष्य भगवान का भजन नहीं करता। परमात्मा का सुमिरन नहीं करता। वो मनुष्य इन चार पशुओं सूअर, कुत्त्ता, ऊंट, गधे के समान है। वो इसलिए है, क्योंकि इन चारों में पशुता ज्यादा होती है। जैसे बिना पूंछ और सींग का पशु असुंदर व भद्दा लगता है, ठीक उसी प्रकार यदि स्त्री और पुरुष जीवन में परमात्मा का भजन नहीं करते तो वह पशु तो ही है, लेकिन बिना सींग और पूंछ के।

उक्त बातें श्री गीता प्रचार समिति सिरसा के तत्वावधान में पंजाब पैलेस सिरसा के हाल में आयोजित साप्ताहिक दुर्लभ सत्संग के 5वें दिवस की कथा में स्वामी विजयानन्द गिरि महाराज ने अपने मुखारविंद से साधकों से कही। महाराज ने कहा कि अगर जन्म मरण से रहित होना है, आवागमन से मुक्त होना है, दुखों से मुक्त होना है तो भगवान का भजन तो करना ही पड़ेगा। उन्होंने बताया कि पानी को बिलोवा करने से कभी घी नहीं निकलेगा। ठीक उसी प्रकार मनुष्य जीवन में परमात्मा का भजन नहीं करता तो इस भवसागर को पार नहीं कर सकता। भजन तो करना पड़ेगा। सोते समय, सोकर उठते समय और हर काम करने के बाद भगवान का भजन जरूर करना चाहिए। हर काम के अंत में एक बार भी जो भगवान को याद कर लेता है, उसे अंत समय में भगवान की याद जरूर आएगी।

अंतकाल में यदि परमात्मा का स्मरण हो गया तो इसी जन्म में उद्धार हो जाएगा। मनुष्य को अपना चिंतन सही कर लेना चाहिए। अगर संसार का चिंतन करते हुए शरीर का त्याग किया तो अपने गले में फांसी लगाने के समान है। इसलिए जब तक परमात्मा की प्राप्ति न हो जाए किसी से संबंध मत जोडि़ए। संबंध जोडऩा ही है तो उस परम पिता परमात्मा से जोडि़ए। इस मौके पर श्री गीता प्रचार समिति के अध्यक्ष वेद भारती, गुरदयाल मेहता संस्थापक अमरनाथ सेवा समिति, अशोक गुप्ता, अशोक तनेजा, राजेंद्र शर्मा, विनय शर्मा उदेश गुप्ता, नरेश ग्रोवर, सोहनलाल अरोड़ा, अमर लूथरा, धर्मपाल बब्बर, राजेन्द्र शर्मा, सतीश शर्मा, सुनील बत्रा, हरिओम भारद्वाज, सोनू शर्मा, अविनाश शर्मा, मनोज मोजी, पंकज शर्मा, अंकुश गोयल, रिकी सोढ़ी, भारत भूषण सहित अन्य श्रद्धालु उपस्थित थे।