सच्चा आनन्द ईश्वर के सानिध्य में है ना कि भौतिकवाद में :- सांसद सुनीता दुग्गल

सिरसा। आज हमें ये लगता है कि अगर कोई आधुनिक साधन या कोई उपलब्धि मिल जाए तो मन को सुख मिलेगा और इन भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति पर कुछ समय के लिए खुशी मिल भी जाती है परन्तु फिर एक नई चीज के लिए मन में तलाश आरम्भ हो जाती है इसलिए स्वयं को स्थाई रूप से खुशनुमा और आनन्दमय बनाने के लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि सच्चा सुख भौतिकता में नहीं अपितु ईश्वरीय सानिध्य में है ।
यह विचार सिरसा लोकसभा की सांसद बहन सुनीता दुग्गल ने ब्रह्माकुमारीज़ आनन्द सरोवर सिरसा द्वारा आयोजित नौ दिवसीय अलविदा तनाव के समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। इस दौरान उन्होंने संस्थान के मुख्यालय भ्रमण का अपना सुखद अनुभव सभा के साथ साँझा किया और कहा कि हमें यह सीखने की जरूरत है कि किस तरह से बिना किसी तनाव-दबाव के संस्थान का कारोबार चल रहा है।
आनन्द सरोवर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी बिन्दु बहन जी ने तनाव मुक्ति का उपाय बताते हुए कहा कि अपनी भौतिक जिन्दगी में थोड़ा सा स्थान आध्यात्मिकता को दें ताकि हमारा जीवन सहज, सरल और सुखमय हो सके क्योंकि भौतिकता और आध्यात्मिकता का बैलेन्स ही हमें बैलेसिंगस का पात्र बनाता है।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता तनाव मुक्ति विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम बहन ने इस दौरान सभी को सकारात्मक विचारों से भरे हुए ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के पाठ्यक्रम का पहला लेसन दिया और मेडिटेशन का अभ्यास भी कराया, तत्पश्चात उन्होंने मेडिटेशन के नियमित अभ्यास से होने वाले चमत्कारिक परिणाम को बताते हुए कहा कि इससे हमारे मन के विचार शान्त होने लगते है, वर्षो पुराना तनाव, अनिद्रा आदि असाध्य रोग ठीक हो जाते है, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और एकाग्रता में भी वृद्धि होती है। इसलिए इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाते हुए अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव अवश्य करने चाहिए।
कार्यक्रम के अन्त में बहुत रमणीक ढंग से कलाकारों नें तनाव बनकर सिरसा से विदाई ली और लाफिंग बुद्धा की सुन्दर प्रस्तुति से वातावरण को आनन्द की अलौकिक उर्जा से सराबोर कर दिया। अलविदा तनाव के समापन समारोह में जगदीश चोपड़ा जी, सुरेन्द्र वैदवाला जी, सुरेन्द्र भाटिया जी, बलजीत कथूरिया जी, सुमन शर्मा जी, रोहताश जांगड़ा जी सहित शहर की अनेकों गणमान्य विभूतियों ने शिरकत की।