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कच्चे तेल के दाम गिरे, 14 रुपये तक सस्ता हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल

अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पिछले 10 महीनों से निचते स्तर पर पहुंच गई है।
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PERTOL AND DIESEL RATESकच्चे तेल के दाम गिरे, 14 रुपये तक सस्ता हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल

Newz World Hindi's। अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पिछले 10 महीनों से निचते स्तर पर पहुंच गई है। कच्चे तेल के रेट 81 डालर से नीचे आ गया है। अमेरिकन क्रूड 74 डालर प्रति बैरल तक पहुंच गया है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि पेट्रोल डीजल के दामों में आमजन को राहत मिल सकती है। एक अनुमान के मुताबिक कच्चे तेल के दाम गिरने से के चलते देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 14 रुपए तक की कमी आ सकती है।

छह महीनों के बाद घट सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
कच्चे तेल की कीमत में गिरावट से भारतीय रिफाइनरी के लिए कच्चे तेल की औसत कीमत (इंडियन बास्केट) घटकर 82 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है। बीते मार्च में यह कीमत 112.8 डॉलर थी। आठ महीने में रिफाइनिंग कंपनियों के लिए कच्चे तेल के दाम करीब 27 प्रतिशत तक कम हो गए हैं।

एसएमसी ग्लोबल के मुताबिक, क्रूड में एक डॉलर गिरावट आने पर देश की तेल कंपनियों को रिफाइनिंग पर प्रति लीटर 45 पैसे की बचत होती है। इस हिसाब से पेट्रोल-डीजल के दाम 14 रुपये तक प्रति लीटर तक कम होने चाहिए। हालांकि पूरी कटौती एक बार में नहीं होगी।

ये है पेट्रोल-डीजल के दाम घटने के तीन कारण

- कच्चे तेल के दाम गिरने से आयल कंपनियों को प्रति बैरल करीब 245 रुपये बचत हो रही है। वर्तमान में क्रूड आयल के रेट 82 डालर के आसपास है। इस रेट में आयल मार्केटिंग कंपनियों को प्रति बैरल यानि 159 लीटर की रिफाइनिंग पर 245 रुपये बचेंगे।


-केंद्रीय पेट्रोलिय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार अब सरकारी तेल कंपनियों को तेल ब्रिकी में घाटा नहीं है। लेकिन डीजल पर अब भी चार रुपये प्रति लीटर घाटा है। वर्तमान में ब्रेट क्रूड के दाम पहले के मुकाबले दस प्रतिशत गिरे है। ऐसे में कंपनियों को अब डीजल बिक्री में भी घाटा नहीं रहा है।

- पेट्रोलियम एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा के अनुसार ब्रेंट  70 डॉलर की तरफ बढ़ रहा है। इससे पेट्रोल-डीजल के कम होंगे। तेल आयात से लेकर रिफाइनिंग तक का साइकल करीब 30 दिनों का होता है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम घटने के एक माह बाद पेट्रोल डीजल के रेटों पर असर दिखता है।

 
हम अपनी जरूरत का 85% कच्चा तेल करते हैं आयात
भारत में जरूरर का 85 प्रतिशत से अधिक कच्चा तेल आयात करना पड़ता है यानि हम दूसरे देशों से खरीदते हैं। कच्चे तेल की कीमत डालर में अदा करनी पड़ती है। कच्चे तेल की कीमत बढ़ने और डॉलर के मजबूत होने से पेट्रोल-डीजल महंगे होने लगे थे। Tags: petrol and diesel price, petrol diesel, big update, hindi news, newzworldhindis, Narender modi