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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी 5जी टेस्ट बेड राष्ट्र को समर्पित किया

भारतीय शिक्षा जगत और उद्योग उत्पादों, प्रोटोटाइप, एल्गोरिदम और सेवाओं को मान्य करने के लिए स्वदेशी 5G टेस्ट बेड का उपयोग कर सकते हैं
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किसी एकल नीलामी से अब तक का सर्वाधिक नीलामी राजस्व मिला 
5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी : 51,236 मेगाहर्ट्ज (कुल का 71%) 1,50,173 करोड़ रुपये की बोली में बेचा गया

- बीएसएनएल का पुनरुद्धार और उसका बीएसएनएल में विलय को 1.64 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज के साथ मंजूरी
- भारत नेट: 1.90 लाख ग्राम पंचायतें जुड़ीं; 31 अक्टूबर 2022 तक 6,00,898 किमी ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाई गई।
- पीएम-वाणी योजना: 22.9.2022 तक पीएम-वाणी के तहत कुल 114069 हॉटस्पॉट हैं।

5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी
Newz World hindi's।  

वर्षांत समीक्षा 2022: संचार मंत्रालय
जुलाई 2022 में आयोजित 8वीं स्पेक्ट्रम नीलामी के साथ भारत में 5जी सेवाओं की शुरुआत की नींव रखी गई थी। भारत सरकार ने नीलामी के लिए 72,098 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम रखा था, जिसमें से 51,236 मेगाहर्ट्ज (कुल का 71%) 1,50,173 करोड़ रुपये की बोली राशि के साथ बेचा गया। यह किसी एक नीलामी से अब तक की सर्वाधिक नीलामी आय है। 

इसके अलावा, इस नीलामी में सबसे अधिक बैंड यानी 22 एलएसए (लाइसेंस सेवा क्षेत्रों) में 10 अलग-अलग बैंड एक साथ नीलामी के लिए रखे गए (यानी, 600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज), 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज)।

दूरसंचार सुधारों और स्पष्ट नीति दिशा के कारण 2022 की स्पेक्ट्रम नीलामी में अब तक की सबसे अधिक बोली लगी। 8वीं नीलामी से प्राप्त स्पेक्ट्रम पर शून्य स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क जैसे हालिया सुधार, अनिवार्य अग्रिम भुगतानों को हट देना, न्यूनतम सीमा अवधि (10 वर्ष) के बाद स्पेक्ट्रम को सरेंडर करने की क्षमता, आसान भुगतान विकल्प जैसे वार्षिक किश्तों की संख्या में वृद्धि (20वार्षिक किस्त), पिछले बकाया पर अधिस्थगन के विकल्प आदि ने सफल स्पेक्ट्रम नीलामी में योगदान दिया।टेलीकॉम कनेक्टिविटी के लिए स्पेक्ट्रम बहुत महत्वपूर्ण है और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए स्पेक्ट्रम की बेहतर उपलब्धता से सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार की उम्मीद है।

5जी सेवाओं का शुभारंभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 अक्टूबर 2022 को भारत में 5जी सेवाओं की शुरुआत की गई थी। शिक्षा, स्वास्थ्य, श्रमिक सुरक्षा, स्मार्ट कृषि आदि के लिये दूरसंचार सेवा प्रदाताओं तथा स्टार्ट-अप द्वारा विकसित 5जी उपयोग के मामले अब पूरे देश में तैनात किए जा रहे हैं।

स्वदेशी 5जी टेस्ट बेड
भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए और 5जी लागू करने के लिए, दूरसंचार विभाग ने आगे बढ़ कर पांच स्थानों सीआइआइटी/ मद्रास, आइआइटीदिल्ली, आइआइटीहैदराबाद, आइआइटीनपुर और आइआइएससी बैंगलोर में 'स्वदेशी 5जी टेस्ट बेड' स्थापित करने की बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के लिए वित्तीय अनुदान को मंजूरी दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वदेशी 5G टेस्ट बेड शनिवार को राष्ट्र को समर्पित किया गया। भारतीय शिक्षा जगत और उद्योग उत्पादों, प्रोटोटाइप, एल्गोरिदम और सेवाओं को मान्य करने के लिए स्वदेशी 5G टेस्ट बेड का उपयोग कर सकते हैं। चूंकि भारत 5जी प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर हो गया है, इस स्वदेशी टेस्ट बेड का विकास 5जी आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कुल टेलीफोन कनेक्शन मार्च 2014 में 93.30 करोड़ से बढ़कर अक्टूबर 2022 में 117.02 करोड़ हो गए, जो उक्त अवधि में 25.42 प्रतिशत की वृद्धि थी। अक्टूबर 2022 में मोबाइल कनेक्शन की संख्या 114.4 करोड़ पर पहुंच गई। टेली-घनत्व जो मार्च 2014 में 75.23 प्रतिशत था वह अक्टूबर 2022 में 84.67 प्रतिशत हो गया।


शहरी टेलीफोन कनेक्शन मार्च 2014 में 55.52 करोड़ से बढ़कर अक्टूबर 2022 में 64.99 करोड़ हो गए जो 17.06 प्रतिशत की वृद्धि थी। ग्रामीण टेलीफोन कनेक्शन में वृद्धि 37.69 प्रतिशत थी, जो शहरी वृद्धि से दोगुनी है। ये कनेक्शन मार्च 2014 में 37.78 करोड़ से बढ़कर अक्टूबर 2022 में52.02 करोड़ हो गये। ग्रामीण टेली-घनत्व मार्च 2014 में 44 प्रतिशत से बढ़कर अक्टूबर 2022 में 57.91 प्रतिशत हो गया।
इंटरनेट और ब्रॉडबैंड पैठ में छलांग:

इंटरनेट कनेक्शन मार्च 2014 में 25.15 करोड़ से बढ़कर जून 2022 में 83.69 करोड़ हो गया, जिसमें 232 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
मार्च 2014 में ब्रॉडबैंड कनेक्शन 6.1 करोड़ थे जो सितंबर, 2022 में बढ़कर 81.62 करोड़ हो गये, जिसमें 1238 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
प्रति ग्राहक प्रति जीबी वायरलेस डेटा औसत राजस्व प्राप्ति दिसंबर 2014 में 268.97 रुपये से घटकर जून, 2022 में 10.29 रुपये हो गई जो 96.17 प्रतिशत से अधिक की कमी थी। प्रति वायरलेस डेटा सब्सक्राइबर की औसत मासिक डेटा खपत जून, 2022 में 266 गुना बढ़कर 16.40 जीबी हो गई। यह मार्च 2014 में 61.66 एमबी थी।

बीटीएस और टावर्स:
मोबाइल बेस ट्रांसीवर स्टेशनों (बीटीएस) की संख्या 09.12.2022 तक 23.98 लाख है।
मोबाइल टावरों की संख्या09.12.2022 को 7.4 लाख है।
एफडीआई में वृद्धि:

दूरसंचार क्षेत्र में एफडीआई (इक्विटी प्रवाह) 2021-22 के दौरान 668 मिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 2022-23 (अप्रैल से सितंबर) के दौरान 694 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।