12 दिन पहले पता चला पत्नी को है कैंसर, दंपती ने उठाया ये खतरनाक कदम

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कोटपूतली (जयपुर)
दंपती ने अपने घर में पंखे से फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। इनकी कोई संतान नहीं थी। 12 दिन पहले ही पत्नी को कैंसर होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद से ही पति-पत्नी रोते रहते थे। कोई नजदीकी रिश्तेदार भी इनके पास नहीं रहता है। दोनों में इतना प्यार था कि एक-दूसरे से लिपटकर दोनों ने फंदा लगाया। मामला जयपुर के कोटपूतली का है।
कुछ दिन से खराब थी तबीयत
गुरुवार को सराय मोहल्ला स्थित जनाना अस्पताल के सामने रहने वाले रमेश सुरेलिया (55) और उनकी पत्नी संतोष देवी (52) का शव उन्हीं के घर में फंदे से लटका मिला। दोनों अपने मकान में रहते थे। संतोष देवी की तबीयत कुछ महीनों से खराब थी। इलाज के बाद भी जब कोई सुधार नहीं हुआ तो 12 दिन पहले 10 दिसंबर को ही रमेश उन्हें जयपुर एसएमएस अस्पताल में दिखाने ले गए। यहां डॉक्टर्स ने बताया कि संतोष देवी को कैंसर है।
लास्ट स्टेज का कैंसर था
कांपते हुए हाथों में रिपोर्ट थामे रमेश ने जब डॉक्टर्स से इसके इलाज के बारे में पूछा तो जवाब सुनकर उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। डॉक्टर ने बताया कि कैंसर अपने लास्ट स्टेज पर है। कुछ भी कहना मुश्किल है। दोनों कोटपूतली लौट गए।
किराएदार दुकानदार ने सबसे पहले देखा
डीएसपी गौतम कुमार ने बताया कि गुरुवार सवेरे रमेश और संतोष ने घर में बने एक कमरे में फंदे से लटकर आत्महत्या कर ली। इनके घर के बाहर एक मेडिकल स्टोर है। ये स्टोर इन्हीं की दुकान में चलता है, जिसे किराए पर दिया गया है। मेडिकल स्टोर चलाने वाले रामकुमार चंदेला ने बताया कि रमेश सुरेलिया रोजाना उनके पास बाहर आकर बैठते थे। रामकुमार दंपती के लिए खाना लेकर आते थे। रमेश खाना लेकर चले जाते थे। गुरुवार सवेरे जब वे नहीं आए तो रामकुमार अंदर गए। कमरे में पति-पत्नी के शव पंखे पर फंदे से लटके हुए मिले। उन्होंने बाहर आकर लोगों को बताया। सूचना के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची।
डायरी में मिला सुसाइड नोट
डीएसपी गौतम कुमार ने बताया कि कमरे में एक डायरी में लिखा सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें लिखा है कि हम जिंदगी से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं, किसी का कोई दोष नहीं है। किसी को परेशान नहीं किया जाए। सुसाइड नोट में रुपयों के लेन-देन, संपत्ति और पत्नी के कैंसर पीड़ित होने की भी बात लिखी है। डीएसपी ने बताया कि हम मामले की जांच कर रहे हैं। कमरे के दरवाजे के अंदर से कुंडी नहीं लगी हुई थी, आधा बंद था।
कैंसर होने के बाद दोनों टूट गए
किराएदार रामकुमार चंदेला ने बताया कि संतोष देवी को हर्निया की शिकायत थी। कोटपूतली में ही इलाज चल रहा था। उस पर उनके करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च हो चुके थे। कोई सुधार नहीं होने पर रमेश सुरेलिया उन्हें दिखाने के लिए जयपुर लेकर गए। वहां 12 दिन पहले ही उन्हें कैंसर की चौथी स्टेज के बारे में पता चला। रामकुमार ने बताया कि दोनों में बहुत प्यार था। कभी भी एक दूसरे को अकेले नहीं छोड़ते थे। अकेले बाहर नहीं जाते थे। उन्हें इस बात की चिंता रहती थी कि किसी भी एक की मौत के बाद दूसरे का क्या होगा?
कई साल तक निभाया रावण का किरदार
रमेश सुरेलिया ने कोटपूतली में होने वाली रामलीला में कई साल तक रावण का किरदार भी निभाया। उन्हें इसी किरदार ने पहचान दिलाई। कुछ साल पहले तक वे टैक्सी ड्राइवरी करके अपना गुजारा करते थे।
खाना आस-पड़ोस के लोग ही देते थे
संतोष देवी और उनके पति रमेश अक्सर बीमार रहते थे। पहले तो वे खुद खाना बनाते थे। धीरे-धीरे दोनों के बस की बात नहीं रही। कुछ साल से उनके सवेरे का खाना किराएदार रामकुमार चंदेला अपने घर से लाते थे, जबकि शाम का खाना पड़ोस के लोग दे देते थे। इनके मकान के ऊपर एक कमरा बना हुआ है, जिसमें एक शिक्षिका किराए पर रहती हैं। उन्हें भी दोनों की सुसाइड के बारे में पता नहीं चला। सवेरे जब वो स्कूल जाने के लिए नीचे आईं तो बाहर पुलिस देखकर उन्हें इसकी जानकारी मिली। दोनों के बीच बहुत प्यार था। दोनों हरदम साथ रहते थे।