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नॉर्थ कोरिया की सबसे बड़ी मिसाइल परेड:तानाशाह किम जोंग की मौजूदगी में ICBM का प्रदर्शन, सॉलिड-फ्यूल मिसाइल का प्रोटोटाइप भी नजर आया

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Newz World Hindi's, प्योंगयांग। नॉर्थ कोरिया में सेना की स्थापना की 75वीं सालगिरह के मौके पर बुधवार को सैन्य परेड का आयोजन हुआ। इस दौरान राजधानी प्योंगयांग में करीब 1 दर्जन इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) प्रदर्शित की गईं। परेड प्योंगयांग के किम इल सुंग स्क्वायर से शुरू हुई। इस दौरान तानाशाह किम जोंग उन अपनी पत्नी और बेटी के साथ नजर आए।

नॉर्थ कोरियन मीडिया KCNA ने परेड की तस्वीरें जारी करते हुए इसे देश की न्यूक्लियर अटैक की क्षमता का सबूत बताया। इन फोटोज में 11 ह्वासोंग-17 मिसाइलें नजर आ रही हैं। ये नॉर्थ कोरिया की सबसे बड़ी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है जो दुनिया में कहीं भी न्यूक्लियर हमला कर सकती है। परेड में नई सॉलिड-फ्यूल ICBM के प्रोटोटाइप भी नजर आए।

अभी मिसाइलों में लिक्विड फ्यूल इस्तेमाल कर रहा नॉर्थ कोरिया
ज्यादातर देशों की बड़ी बैलिस्टिक मिसाइलों में लिक्विड फ्यूल का इस्तेमाल होता है। 2017 के बाद से उत्तर कोरिया ने लिक्विड फ्यूल के साथ ही ICBM का परीक्षण किया है। लिक्विड फ्यूल से मिसाइल लॉन्च में ज्यादा समय लगता है। जबकि सॉलिड फ्यूल की मदद से मिसाइल को ज्यादा मोबिलिटी मिलती है और लॉन्चिंग में भी कम समय लगता है। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि नॉर्थ कोरिया नई मिसाइलों में सॉलिड फ्यूल का इस्तेमाल कर रहा है। परेड में सॉलिड-फ्यूल ICBM का प्रोटोटाइप दिखाया गया है।

सॉलिड फ्यूल​​​​​​​ वाली मिसाइलों को ट्रैक करना मुश्किल होगा
सॉलिड फ्यूल ICBM बनाना लंबे समय से नॉर्थ कोरिया का मुख्य टारगेट रहा है। इससे जंग होने पर इन परमाणु मिसाइलों को पहचान कर टारगेट करना मुश्किल हो सकता है। हालांकि नॉर्थ कोरिया इन मिसाइलों की टेस्टिंग कब करेगा, इसकी कोई जानकारी नहीं है। इससे पहले भी उत्तर कोरिया ने परेड में मिसाइलों के प्रोटोटाइप प्रदर्शित किए हैं।