मास्क लगाएं और दूरी बनाए रखें,Corona-H3N2 वायरस से खतरे के बीच LG की अपील
राजधानी में H3N2 फ्लू और कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर भी उपराज्यपाल ने चिंता जाहिर की है.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Delhi Disaster Management Authority in the National Capital) की 38वीं बैठक उपराज्यपाल की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में सीएम केजरीवाल, मंत्री कैलाश गहलोत, mcd के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे. साथ ही NDMA, NIDM, राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान संस्थान और सभी डीएम के शीर्ष प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल हुए.
यह बैठक मुख्य तौर पर दिल्ली में भूंकप का खतरा, H3N2 फ्लू, H1N1 फ्लू और Coronavirus pandemic की तैयारियों को लेकर हुई. राजधानी में H3N2 flu and corona के बढ़ते मामलों को लेकर भी उपराज्यपाल ने चिंता जाहिर की है. उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में H3N2 flu के मामले बढ़ रहे हैं. हमें चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
उपराज्यपाल ने कहा कि किसी भी आपदा के प्रभावों को कम करने के लिए तैयारी सबसे अच्छा उपाय है. इसके लिए आपदा से निपटने के लिए कई रणनीतियों की आवश्यकता है. DDMA की बैठक में उन्होंने कहा कि फेस मास्क, शारीरिक दूरी का पालन, हाथों को बार-बार धुलना ये सारी चीजें फिर से शुरू करना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि यह सब अनिवार्य रूप से नहीं है. लोगों को अपनी ओर से इन नियमों को खुद से पालन करना चाहिए.
भूकंप के खतरे को लेकर भी LG Alert
पिछले दिनों तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी भूकंप का खतरा बना हुआ है. इसको लेकर राज्यपाल ने DDMA के अधिकारियों और सीएम केजरीवाल से बात की. उपराज्यपाल सक्सेना ने किसी भी स्थिति में आपदाओं का का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की आवश्यकता पर जोर दिया. उपराज्यपाल ने पूर्व में गुजरात में भूकंप के अपने अनुभव को याद करते हुए कहा कि दिल्ली को किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है. इसकी तैयारी आज से ही शुरू कर दी जानी चाहिए.
खतरों से निपटने के लिए की जाएं ये तैयारियां
इस संबंध में उपराज्यपाल ने किसी बड़े खतरे से निपटने को लेकर अधिकारयों से काम शुरू करने को कहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भूकंप रोधी बिल्डिंग ही बनाई जानी चाहिए. इनमें से विशेष क्षेत्र यानी पुरानी दिल्ली के इलाकों में सभी स्कूलों, अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों, अन्य महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों और कमजोर इमारतों की मरम्मत की जानी चाहिए. भूकंप की स्थिति में बचाव कार्यों के लिए दिल्ली में खुली जगहों की पहचान करनी चाहिए. आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस, फायर टेंडर और बचाव दल के लिए पहुंच सुनिश्चित करने के लिए संकरी गलियों को चौड़ा करना चाहिए.
तैयार किए जाएंगे ‘आपदा मित्र’
इस बैठक में यह भी बताया गया कि दिल्ली में आपदा राहत वॉलंटियर (disaster relief volunteer) के नामांकन और प्रशिक्षण के लिए ‘आपदा मित्र’ योजना शुरू की गई है. अब तक 1800 वॉलंटियर की ट्रेनिंग और रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है.